फितरत
लगता है ऊब गए हो हमसे
जो नजारों की बात करते हो
पहले भी कायल थे अब भी है
मासूमियत से बेज़ार करते हो
बुरा ना मानो तो एक बात नजर करनी थी
ये फितरत तो नही ,जख्मो पर बार करते हो
लगता है ऊब गए हो हमसे
जो नजारों की बात करते हो
पहले भी कायल थे अब भी है
मासूमियत से बेज़ार करते हो
बुरा ना मानो तो एक बात नजर करनी थी
ये फितरत तो नही ,जख्मो पर बार करते हो