फितरत…..
इस ज़माने में लोगो कि फितरत की बात क्या कीजे,
जो मतलब से बदले मुखड़े उनकी बात क्या कीजे
जिनकी आँखों पर पड़ा हो अंधकार रूप का पर्दा,
रोशन ह्रदय करने में भला चाँद रात भी क्या कीजे ।।
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डी. के. निवातियाँ
इस ज़माने में लोगो कि फितरत की बात क्या कीजे,
जो मतलब से बदले मुखड़े उनकी बात क्या कीजे
जिनकी आँखों पर पड़ा हो अंधकार रूप का पर्दा,
रोशन ह्रदय करने में भला चाँद रात भी क्या कीजे ।।
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डी. के. निवातियाँ