फितरत है जमाने की…
जिद बना लो,
मंजिल पाने की
मेहनत की हद तक
गुजर जाने की
लोग क्या कहेंगे?
इसकी फिक्र छोड़ो
खुशियों से जलना तो
फितरत है जमाने की।
– मानसी पाल ‘मन्सू’
जिद बना लो,
मंजिल पाने की
मेहनत की हद तक
गुजर जाने की
लोग क्या कहेंगे?
इसकी फिक्र छोड़ो
खुशियों से जलना तो
फितरत है जमाने की।
– मानसी पाल ‘मन्सू’