फास्टफूड का जीवन पर फास्ट कुप्रभाव
फास्टफूड ने जीवनशैली को तो बदल कर ही रख दिया है मानो आधुनिक जीवनशैली पर फास्टफूड का ही एकाधिकार व कब्जा है । आज के आधुनिक युग में बाजारवाद ने हमारे रहन – सहन और खानपान में काफी बदलाव ला दिया है। पिज्जा, चाउमीन, बर्गर, हॉट डॉग, पेस्ट्री, समोसे, कोल्ड ड्रिंक आदि ढेरों ऐसे खाद्य पदार्थ हैं । इस जंक फूड के बारे में सोचकर ही हमारे मुंह में पानी आ जाता है । आज फास्टफूड जीवनशैली का जितना अभिन्न अंग है उतना ही शरीर के विभन्न अंगों को भी प्रभावित करता है । फास्टफूड बनने में फास्ट, खाने में फास्ट तो शरीर को नुकसान पहुचाने में उससे भी ज्यादा फास्ट है । खाने में समय की बचत स्वाद का मजा, जीवनभर बीमारियों की कैद में रहने की सजा । आज के समाज में लोगों का मन फास्टफूड की तरफ इस कदर ललच रहा है कि इसके बिना जीवन की कल्पना कर पाना मुश्किल हो रहा है । फास्टफूड ने लोगों के जीवनशैली को इस तरह प्रभावित किया है कि लोग जीवन में फास्ट रहने के अलावा खानपान भी फास्ट मोड में करने लगे है । मनुष्य जितनी तेजी से फास्टफूड के शैली को जीवन में अपना रहे है उतनी ही तेजी से वे जटिल रोगों के गिरफ्त में भी आ रहे है ।
फास्टफूड ने जीवन के कलेवर को ही बदल के रख दिया है। फास्टफूड ने फास्ट जीवन जीने की सीख तो दी है पर फास्ट बीमारियों की ओर भी बढ़ने की राह भी दिखायीं है । इसने पूर्ण रूप से ही जीवन बदल कर ही रख दिया है । फास्टफूड ने जीवन को फास्ट से लास्ट की स्थिति में ले जाने में काफी मदद की है ।
सैंडवीच, ब्रेड, बर्गर आदि ने लोगों के जीवन को तिनकोना, ब्रेड ने चार कोना और जो शेष बचा उसे बर्गर ने गोल करके रख दिया है मानों लोगों के घरों पर अब इन्ही का ही कब्जा है अर्थात अब फास्ट फूड के शौकीन लोगों की जीवनशैली इन्ही परिपाटी के चारों तरफ घूमती रहती है ।
भोजन की आदत बदलों तो बीमारियां रहेंगी दूर । इसलिए तो कहते है दोस्तों – ‘’ जान है तो जहान है ‘’ टेस्ट बदलों, ट्रेंड बदलो, खाने का अंदाज बदलो तभी जीवन रहेगा आबाद और खुशियों की रहेगी भरमार । निरोगी काया ही जीवन में सुख की अनुभूति का एहसास करा सकती है
इस प्रकार हम कह सकते है कि फास्ट फूड व जंक फूड एक महीने में एक बार ठीक है पर इसकी आदत बना लेना स्वयं के शरीर को स्वयं नुकशान व बर्बाद करना है । इसलिए घर का स्वच्छ, स्वस्थ भोजन खाएं और निरोगी जीवन व्यतीत करें।
‘’ स्वच्छ, स्वस्थ भोजन से व्यतीत हो बेहतर जीवन”