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24 Jul 2018 · 1 min read

फासिला जिंदगी

शाम शरमा गयी रोशनी के लिए l
फ़िक्र करने लगी चाँदनी के लिए l
फासिला जिंदगी जख्म जालिम शहर –
बज्म फितरत फिदा रागिनी के लिए ll
राज किशोर मिश्र ‘ राज ‘ प्रतापगढ़ी

Language: Hindi
246 Views
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