“फासले उम्र के”
“फासले उम्र के”
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ये,फासले हैं उम्र के,
हमें ज़ीने नहीं देते
ग़मो को पीकर जीना है,
तो पीने नहीं देते
मुफ़लिसी में फट गये हैं,
सारे अंग रिश्तों के
अब सीना चाहते हैं,
तो उन्हें सीने नहीं देते
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)