फाल्गुन मास
तन मन में है उल्लास सखी,
आयो है फाल्गुन मास सखी,
रंग बिरंगी रंगत जाकी,
धरती करती है रास सखी,
रंगन को मौसम अलबेलो,
टेसू की रंगत खास सखी,
रंगे टेसू मैं बेरंगी,
मीठी तपती प्यास सखी,
पी के रंग देह को छूले,
बुझ जाये मेरी प्यास सखी,
मिल जाये पी का आलिंगन,
तन मन झूमें कर रास सखी,
रंग भरी पी की पिचकारी,
मुझे रंग देती खास सखी॥
आंसू से रंगे गाल सखी,
पी की अबहू है आश सखी।
पुष्प ठाकुर