फाग माह का हैं उपहार
नव पल्लव सज्जित तरुवर
फाग माह का हैं उपहार ,
कोमल कोपल महक डाल पर
करती सुरभित पवन बयार ।
मानो वृक्ष वर बन सँवरकर
सेहरे की लड़ियाँ रहे सँवार
नव वधू सी सजी धरा है
हो पुष्प मालाओं से तैयार ।
कुछ धानी कुछ पीत वर्ण की
पहने बाली सब कनक – क्यार
आम्र डाल पर मंजरी झूमे
कोकिल गाए बसंत बहार ।
कण कण में बिखरा सौंदर्य
करता हृदय में सुख संचार
नव संवत्सर के अभिनंदन में
किया प्रकृति ने सोलह शृंगार ।
डॉ रीता
एफ – 11 फेज़ – 6
आया नगर,नई दिल्ली – 47