फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
रंग रसिया खेलें फाग ब्रज में आ गई हे रे होली।
उडत है रंगे गुलाल ब्रज में आ गई है रे होली।।
ग्वालबाल है रंगे रंगीले लग रए कैसे छैल छबीले।
भर भर के मारे पिचकारी चुन चुन देवें सखियां गारी ।।
दांत निपोरें बेशर्मी से करत हैं हंसी ठिठौली।
ब्रज में आ गई हे रे होली।।
बरसाने के आए हुरयारे फागें गाएं नंद के द्वारे।
बरन बरन के लोगे लुगैया मोहन नाचें था था थैया।।
राधा जू की छवि निराली गले मिलें हमजोली।
ब्रज में आ गई है रे होली।।
उमेश मेहरा
गाडरवारा (एम पी)