फागुन
तुम बार-बार आना
अबीर गुलाल संग
और टेसुओं के रंग
छिड़क देना
उढ़ेल देना
अपने सारे रंग
एक ही बार
ताकि
सभी रंगों का हो जाए एक रंग
प्रेम का ,बंधुत्व का
और
सबसे बढ़कर
मानव पर चढ़े
मानवता का रंग
फाग तुम बार-बार आना
फाग तुम लौट लौट आना
फाग तुम हर बार आना।।