फांसी के फंदे से
मेरा वतन है
मेरा सनम
मेरा सनम है
मेरा वतन
आज फांसी के
इस फंदे से
भग्गत सिंह
खाता है कसम…
(१)
लेने हैं मुझे
इसके लिए
और अभी
कितने जनम
मेरा वतन है
मेरा धरम
मेरा धरम है
मेरा वतन
आज फांसी के
इस फंद से
भग्गत सिंह
खाता है कसम…
(२)
ये तख्त क्या
वो ताज क्या
कुर्बान इसपे
पूरा जीवन
मेरा वतन है
मेरा करम
मेरा करम है
मेरा वतन
आज फांसी के
इस फंदे से
भग्गत सिंह
खाता है कसम…
(३)
होकर ही रहेगा
इंकलाब
कब तक चलेगा
यहां दमन
मेरा जतन है
मेरा वतन
मेरा वतन है
मेरा जतन है
मेरा वतन
आज फांसी के
इस फंदे से
भग्गत सिंह
खाता है कसम…
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Shekhar Chandra Mitra
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