Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2023 · 1 min read

फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,

फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,
फिर भी मेरे रफ़ीक़ बने रहना चाहते हो तुम।

Language: Hindi
139 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shreedhar
View all
You may also like:
हालातों का असर
हालातों का असर
Shyam Sundar Subramanian
माँ
माँ
Dr Archana Gupta
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
गं गणपत्ये! माँ कमले!
गं गणपत्ये! माँ कमले!
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
"शब्दों की सार्थकता"
Dr. Kishan tandon kranti
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा*
Ravi Prakash
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
*प्रणय प्रभात*
*
*"गंगा"*
Shashi kala vyas
3373⚘ *पूर्णिका* ⚘
3373⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
Fragrance of memories
Fragrance of memories
Bidyadhar Mantry
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
कृष्णकांत गुर्जर
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
प्रेम एक निर्मल,
प्रेम एक निर्मल,
हिमांशु Kulshrestha
आग हूं... आग ही रहने दो।
आग हूं... आग ही रहने दो।
अनिल "आदर्श"
ज़िंदगी  ने  अब  मुस्कुराना  छोड़  दिया  है
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कहती गौरैया
कहती गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
नसीब तो ऐसा है मेरा
नसीब तो ऐसा है मेरा
gurudeenverma198
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
Dushyant Kumar
धूल से ही उत्सव हैं,
धूल से ही उत्सव हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Anxiety fucking sucks.
Anxiety fucking sucks.
पूर्वार्थ
देख लेते
देख लेते
Dr fauzia Naseem shad
मैं तो महज तकदीर हूँ
मैं तो महज तकदीर हूँ
VINOD CHAUHAN
" कृषक की व्यथा "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
बाट का बटोही कर्मपथ का राही🦶🛤️🏜️
बाट का बटोही कर्मपथ का राही🦶🛤️🏜️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आभा पंखी से बढ़ी ,
आभा पंखी से बढ़ी ,
Rashmi Sanjay
Loading...