फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है ।
फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है ।
हर नक़ाब की अपनी इक कहानी है।
रूप और रंग पर उसके न जाना
हुस्न क़ातिल है रूह शैतानी है।
नीलम शर्मा ✍️
फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है ।
हर नक़ाब की अपनी इक कहानी है।
रूप और रंग पर उसके न जाना
हुस्न क़ातिल है रूह शैतानी है।
नीलम शर्मा ✍️