Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2022 · 1 min read

फ़ासला रखना

क़रीब हो के भी थोड़ा सा
फ़ासला रखना ।
अपनों की भीड़ में भी
अक्सर वजूद खोता है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

*लम्हा  प्यारा सा पल में  गुजर जाएगा*
*लम्हा प्यारा सा पल में गुजर जाएगा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
नित्य अमियरस पान करता हूँ।
नित्य अमियरस पान करता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
gurudeenverma198
दर्द अपना
दर्द अपना
Dr fauzia Naseem shad
संकल्प का अभाव
संकल्प का अभाव
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
करम धर्म की नींव है,
करम धर्म की नींव है,
sushil sarna
Mai deewana ho hi gya
Mai deewana ho hi gya
Swami Ganganiya
" प्रकृति "
Dr. Kishan tandon kranti
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
The_dk_poetry
माँ
माँ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
राम दिवाली
राम दिवाली
Ruchi Sharma
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
सुंदर पंक्ति
सुंदर पंक्ति
Rahul Singh
मौन गीत
मौन गीत
Karuna Bhalla
सच्ची कविता
सच्ची कविता
Rambali Mishra
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
खत
खत
Punam Pande
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
Neelam Sharma
एक भगाहा
एक भगाहा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
..
..
*प्रणय*
यह ख्वाब
यह ख्वाब
Minal Aggarwal
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
Ranjeet kumar patre
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
सुख और दुःख को अपने भीतर हावी होने न दें
सुख और दुःख को अपने भीतर हावी होने न दें
Sonam Puneet Dubey
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्योंँ छोड़कर गए हो!
क्योंँ छोड़कर गए हो!
दीपक झा रुद्रा
*अच्छे बच्चे (बाल कविता)*
*अच्छे बच्चे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
Loading...