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5 Jul 2024 · 1 min read

फर्क

रात के अँधेरे में
दिन के उजाले में
बस यही फर्क है
कि
रात के अँधेरे में
पुलिस वालों की चाँदी है
चोर-डाकुओं को मिली आज़ादी है
क्योंकि ऐसे में
चोर-डाकू लोगों का घर लूट लेते हैं
और
पुलिस वाले उसमें से अपना कमीशन ले लेते हैं
जबकि
दिन के उजाले में
वही चोर-डाकू
खद्दरधारी बनकर भाषण सुनाते हैं
लोकतंत्र की खूबियाँ गिनाते हैं
और
यही पुलिस वाले
उनकी सुरक्षा व्यवस्था बनाते हैं
बस यही फर्क है
रात के अँधेरे में
दिन के उजाले में
✍🏻 शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
89 Views
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