फर्क पिज्जा में औ’र निवाले में।
हज़ल
2122……..1212……..22
फर्क पिज्जा में औ’र निवाले में।
है वही जीजा और साले में😊।
एक है सूट बूट टाई में,
दूसरा है फटे दुशाले में।
एक तो सज सॅंवर के मिलता है,
दूसरा हर गरीब खाने में।
हो अगर गर्लफ्रेंड पिज्जा लो,
वो कहां स्वाद है निवाले में।
इक निवाला कहीं से भी ले लो,
तंग पिज्जा हुए हैं लाने में।
खा लो पिज्जा तो शौक में प्रेमी,
जिंदगी है तो बस निवाले में।
……..,✍️ प्रेमी