Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2017 · 1 min read

फर्क अब इस तरह समझना

शायरी दिल को छू जाती है
कविता दिल मे बस जाती है
फर्क अब इस तरह समझना
जो आने वाला था,दरवाजा खटखटा के चला जाता है
जिसकी उम्मीद नही थी,वो घर मे बस जाता है

पसंद हमेशा शायरी आती है
असर जिंदगी मे कविता कर जाती है
फर्क अब इस तरह समझना
हर मोड़ पर कोई न कोई चेहरा पसंद आता है
असर वही करता है जो कसर छोड जाता है

शायरी लबो से लबो तक जाती है
कविता तो आत्मा से मिल जाती है
फर्क अब इस तरह समझना
जिस्म का खेल एक से दो तो कभी हर बार होता है
जो खिलखीलाहट मे खामोशी समझ ले वही यार होता है

कई ‘शे’र गजल तो कई गजले कविता बन जाती है
फर्क अब इस तरह समझना
वादा हर कोई करता है,जिसने ना किया वही निभा जाता है

हर मोड़ पर कोई न कोई चेहरा पसंद आता है
असर वही करता है जिस पर नजर पड जाती है
फर्क अब इस तरह समझना
शायरी दिल को छू जाती है
कविता दिल मे बस जाती है…..
शक्ति

Language: Hindi
1 Like · 638 Views

You may also like these posts

कुम्भकर्ण वध
कुम्भकर्ण वध
Jalaj Dwivedi
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
उसकी याद में क्यों
उसकी याद में क्यों
Chitra Bisht
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
7) पूछ रहा है दिल
7) पूछ रहा है दिल
पूनम झा 'प्रथमा'
।।
।।
*प्रणय*
ବାଉଁଶ ଜଙ୍ଗଲରେ
ବାଉଁଶ ଜଙ୍ଗଲରେ
Otteri Selvakumar
- तेरी चाहत में -
- तेरी चाहत में -
bharat gehlot
4309.💐 *पूर्णिका* 💐
4309.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
Lokesh Sharma
शिक्षा बिजनिस हो गई
शिक्षा बिजनिस हो गई
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
बात तनिक ह हउवा जादा
बात तनिक ह हउवा जादा
Sarfaraz Ahmed Aasee
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Shikha Mishra
अभिनंदन
अभिनंदन
जगदीश शर्मा सहज
टूट गया हूं शीशे सा,
टूट गया हूं शीशे सा,
Umender kumar
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
Pankaj Bindas
इन्सान की क्या कीमत
इन्सान की क्या कीमत
Ashwini sharma
जाति
जाति
Adha Deshwal
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
Ravi Prakash
हर मौसम भाता है मुझे,
हर मौसम भाता है मुझे,
ओसमणी साहू 'ओश'
बरसात आने से पहले
बरसात आने से पहले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
उसे गवा दिया है
उसे गवा दिया है
Awneesh kumar
ख़ाली हाथ
ख़ाली हाथ
Shashi Mahajan
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
Neeraj Agarwal
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
सत्य कुमार प्रेमी
"मानवता के दुश्मन"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐंठे- ऐंठे चल रहे,  आज काग सर्वत्र ।
ऐंठे- ऐंठे चल रहे, आज काग सर्वत्र ।
sushil sarna
पुरखों की याद🙏🙏
पुरखों की याद🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...