फरेब
तुम्हारे नाम का इमकान भी नहीं होता
सदाकतों का यह नुक़सान भी नहीं होता
फ़रेब से ही मिली है यह शोहरतें तुमको
बिना फ़रेब के सम्मान भी नहीं होता
तुम्हारे नाम का इमकान भी नहीं होता
सदाकतों का यह नुक़सान भी नहीं होता
फ़रेब से ही मिली है यह शोहरतें तुमको
बिना फ़रेब के सम्मान भी नहीं होता