फरियादी बनाम अधिकारी
वो यहां जान गंवाते रहे, ये वहां चुनाव लड़ाते रहे
वो यहाँ O2 मांगते रहे, ये वहां वोट माँगते रहे
वो यहाँ दर-दर भटकते रहे, ये वहां घर-घर मटकते रहे
वो यहाँ जीने को तड़पते रहे,ये वहां जीतने को मचलते रहे
वो डॉक्टर्स को निहारते रहे, ये वोटर्स को लुभाते रहे
वो यहाँ जान गंवाते रहे, ये वहां आंकड़े जुटाते रहे
वो यहाँ घुट-घुट के मरते रहे, ये वहां चुन-चुन के लड़ते रहे
वो यहाँ जान गंवाते रहे, ये वहां चुनाव लड़ाते रहे ।
।। आकाशवाणी ।।