फकीर की दुआ
कुछ पाना है गर तुझको तो,
पाने की ख्वाहिश को जिंंदा रख।
जो आग लगी है सीने मेंं,
उस आग को कयामत तक जिंंदा रख।
तूफांं तो कई आयेगेंं मगर,
रास्तोंं को तू अपने याद रख।
हौसले टूट ना जाय कही,
मँँजिलोंं मेंं तू अपनी चाह रख।
खुद को उठा इतना ऊपर कि,
तेरा नाम इक दुआ लगने लगे।
बदहवास है हर इंंसा यहाँँ इतना मगर,
कर कुछ ऐसा कि तू उनको खुदा लगने लगे।
तेरे वजूद से हो हर शख्श रुबरू इस कदर,
कि लोगोंं को तू एक “नूर” एक “फरिश्ता”सा लगने लगे।
#सरितासृृजना