पढ़ा जो खत ‘सुनैना’ का
जिसे अपना समझता हूँ वही दुश्मन हमारा है
तेरी दुनिया का मेरे रब बड़ा दिलकश नजारा है
पढ़ा जो खत ‘सुनैना’ का रुआँसा हो गया मै भी
“बुआ और दादी ने मिलकर हमारी माँ को मारा है”
जिसे अपना समझता हूँ वही दुश्मन हमारा है
तेरी दुनिया का मेरे रब बड़ा दिलकश नजारा है
पढ़ा जो खत ‘सुनैना’ का रुआँसा हो गया मै भी
“बुआ और दादी ने मिलकर हमारी माँ को मारा है”