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3 Aug 2021 · 1 min read

पढ़ाकू

पढ़ाकू कोई ऐसा भी हो,

बैठकर पढ़ने की जगह चाहे जैसा भी हो।

पढ़ना-लिखना ये लक्ष्य है हमारा,

इन किताबों ने हमारी जिंदगी है संवारा।

ज्ञान अपनी बढ़ानी है,

पहचान अपनी बनानी है।

लोग पूछते तू कहां है बैठा.?

मैं नहीं हूं किसी से रूठा।

©® डॉ. मुल्ला आदम अली
तिरुपति – आंध्र प्रदेश
https://www.drmullaadamali.com

Language: Hindi
1 Like · 525 Views
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