“पढ़ऽ अबऽया ?.नहि !..लिखऽ अबऽया?.नहि ! मिटबऽ अबऽआ .? दुनु हाथें”
( व्यंग्यात्मक )
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
=========================================
इहो कोनो गप्प भेल ? बच्चा मे हम भुस्कौल रहि ! अक्षरक ज्ञान नहि छल ! स्लेट पर लिखी नहि सकैत छलहूँ ! गामक लोक इएह कहि कें हमर मजाक उड्बैत छलाह ..
“देखि इ छौड़ा कें.. युग जितल ..तीन वरख सं एक्के क्लास मे झुलि रहल अछि !”
सब गोटे हमर दलान पर आबि इएह पुछैत छलाह .
” पढ़ऽ अबऽया ?…….नहि !………लिखऽ अबऽया?…….नहि ! मिटबऽ अबऽआ .?”
त हम निःसकोच कहैत छेलियनि …
” दुनु हाथें” !
सब हँसैत छलाह
गाम भरि मे इ चर्चा छल इ छौड़ा नहि पढ़ी सकैया आ नहि लिखी सकैया !
समय बदलल हम लुधियाना भागि गेलहुं ! इ फिरण कक्का क मेहरबानी छलनि जे हमरा उद्धार केलनि !
लुधियाने मे रहय लगलहूँ ! फिरण कक्का एकटा गंजी फैक्ट्री मे काज धरा देलनि ! बहुत दिन हुनक छत्र -छाया मे रहलहुं ! ….रंग रूप बदलि गेल ! …चाल -ढाल सेहो बदलि गेल !…… फिरण कक्का आब नहि रहला !
युग सेहो बदलि गेल ..मोबाइल आ स्मार्ट फोनक युग आबि गेल !…. हमहूँ स्मार्ट फोन लेलहुं ! ….दोस्तक कृपा सं हम अपनों प्रोफाइल बनेलहूँ ! निकहा फोटो अप्पन खिंच कऽ फेसबुक मे चिपका देलिए !…..
इंट्रोडक्शन मे अप्पन नाम खटारा बदलि खगेन्द्र लिखी देलहुं ..
पद.. सेल्स एग्जीक्यूटिव इन टेक्सटाइल …
एजुकेशन ललित नारायण मिथिला विश्वविध्यालय दरभंगा
स्कूल बेल्हाबाड मधुबनी …
लिव्स इन लुधियाना …
फ्रॉम ..मधुबनी !
आब जे -जे हमरा बच्चा मे पुछैत रहित ओ आब हमर प्रोफाइल सं आकर्षित भऽ हमर मित्र बनि गेलाह ! सम्पूर्ण गामक पैघ,समतुल्य आ छोट सब हमर मित्र बनि गेलाह !
हमर कार्य कलाप स्मार्ट फोन कऽ रहल छल ! हम कखनो लाइक करैत छलहूँ ..कखनो लव ..
हाहा ..
वो …
सैड..
एंग्री बटन दवा देत छलियानि ! कतो आन ठामक पोस्ट कॉपी कऽ हुनका सब कें पोस्ट कऽ देत छलियानि !
बहुत दिनक बाद सलमान खानक स्टाइल मे गाम पहुँचलहूँ ! सब स्वागत केलनि ! हमहूँ एक छोट सन भोज देलियानि ! ग्रामीण सब प्रसन्य भेलाह ! एहि युग में आब कियो नहि पुछि सकैत छथि..
“पढ़ऽ अबऽया ?.नहि !..लिखऽ अबऽया?.नहि ! मिटबऽ अबऽआ .? दुनु हाथें”
===========================================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल “