प्लास्टिक मुक्त भारत बने
हे भारत माता,
वरदान तुझ से मांगता ।
मुक्त हो धरती माता
प्लास्टिक से धरती माता।
जन्म जन्म से ,
तुझ से नाता।
तेरे श्राप से मुक्त नहीं हो पाता ,
खाली हाथ बाजार जाता,
सौदा सामग्री,
पॉलीथिन में भर ले आता ।
ऐसा वरदान दे माता,
प्रदूषित धरा को,
प्रदूषित धरा को मुक्त कर दें ।
प्लास्टिक में पैकिंग वस्तु ।
फैला रही जहर,
प्रदूषित हो रहा वातावरण,
हर मानव मन को बदल दे।
कैरी बैग, कपड़ा बैग, कागज बैग,
उपयोग करने की सद्बुद्धि दे।
इनके उपयोग से,
स्वच्छ पर्यावरण बनेगा।
महामारी उसे बचेगा,
प्लास्टिक मुक्त देश बनेगा।
“””अंशु कवि”””””””””‘”””””’