प्रोमिस डे
दिवस पांचवा आज जो, प्रोमिस डे कहलाय
भातृ भाव विस्तार कर , प्रेम पुष्प विकसाय
प्रोमिस डे को मना कर , रचे नेह की राह
सारे वादे पूर कर , रहे प्रीत की छांह
नाते रिश्तों को निभाये, देकर हम उपहार
रूठा मटकी करे नहिं, करे सदा मनुहार
बातें दिल की कहूँ जो ,और मान लो आप
बंधन प्रेम का फले तब , करो प्रेम का जाप
ऐसे मत हिचकिचाओ, कह दो मन की बात
किसी वजह यदि चूकते, खा जाओगे मात