प्रेरणा
चँंद्र किरण प्रकाश में करो ना प्रयत्न खोजने
भाग्य रेखाए्ँ !
जागो नवप्रभात यथार्थ रवि आगम प्रकाश पुन्जौं में खोजो नई दिशाएंँ !
भंग करो तँद्रा तिमिर को नष्ट करो स्वप्निल आशाओं के प्रतिरूप !
जागृत करो चेतन मनस को कर साकार विचार अभिलाषाओं के अनुरूप !
करो प्रथम प्रयास सिद्ध स्वयं को !
करो नष्ट व्याप्त सर्वांग अहं को !
अनल बनो !
करो दग्ध यह अनाचार !
कमल बनो !
निर्मल रहो रहित मलिन विचार !
रहो सतत् जनहित मे बनो प्रेरणा शक्ति !
रचो नव नित आयामों को सृजन करो नवसृष्टी !