प्रेरणा गीत
सुनो परिंदे उड़कर तुमको आसमान तक जाना है।
राह कठिन आगे की तुमको खुद आसान बनाना है।।
मैं और मेरा साथ यहीं तक मुझको साथ निभाना था।
मैने तुमको सब दे डाला , पूँजी और खजाना था।
इस पूंजी को साथ ले जाओ, इसको और बढ़ाना है।।
राह कठिन आगे की तुमको खुद आसान बनाना है।।
धर्म, कर्म कर धैर्य धरोगे, मीठे सारे फल होंगे।
शांत शांत चित्त से खोजोगे, तो पल पल में हल होंगे।
कभी हार कर रुक मत जाना, सबको सब बतलाना है।
राह कठिन आगे की तुमको खुद आसान बनाना है।।
साहस को संघर्ष से जोड़ो, और घटा दो आलस को।
छोटा, बड़ा, बराबर हो कोशिश में गुणा करो दस को।
भाग-भाग भूभाग जहाँ का तुमको स्वयं सजाना है।
राह कठिन आगे की तुमको खुद आसान बनाना है।।
संतोष बरमैया जय