प्रेम
प्रेम करो प्रेम!
अगर वह मिले तो
अपने जाति या धर्म में ही
अन्यथा होने पर
उससे बाहर जाकर भी।
प्रेम इतनी सुन्दर अनुभूति है कि
अगर आपने
पूरी दुनिया को जान लिया
और प्रेम को ही न जाना
तो विश्वास कीजिए
आपने कुछ भी नहीं जाना!
प्रेम करो प्रेम!
अगर वह मिले तो
अपने जाति या धर्म में ही
अन्यथा होने पर
उससे बाहर जाकर भी।
प्रेम इतनी सुन्दर अनुभूति है कि
अगर आपने
पूरी दुनिया को जान लिया
और प्रेम को ही न जाना
तो विश्वास कीजिए
आपने कुछ भी नहीं जाना!