प्रेम
प्रेम हमारा मीरा जैसा, या कृष्णा का राधा है।
दोनों ही हैं कुछ पूरे से,दोनों में कुछ आधा है।
दोनों ही थी प्रेम दिवानी,पगली गिरिधर नागर की-
इक दूजे के दिल में रहते, मगर मिलन में बाधा है ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
प्रेम हमारा मीरा जैसा, या कृष्णा का राधा है।
दोनों ही हैं कुछ पूरे से,दोनों में कुछ आधा है।
दोनों ही थी प्रेम दिवानी,पगली गिरिधर नागर की-
इक दूजे के दिल में रहते, मगर मिलन में बाधा है ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली