प्रेम
मुद्दतों का सफर आसानी से कैसे तय कर पाएं हम।
कितनी बेचैनी है इस मन में कैसे तुम्हे दिखाएँ हम।।
तुम तो बहुत नादान हो हमारी मोहब्बत के इस सफर में
मन कर रहा है कि इसी तरह यूँ हद से गुजर जायें हम।
मुद्दतों का सफर आसानी से कैसे तय कर पाएं हम।
कितनी बेचैनी है इस मन में कैसे तुम्हे दिखाएँ हम।।
तुम तो बहुत नादान हो हमारी मोहब्बत के इस सफर में
मन कर रहा है कि इसी तरह यूँ हद से गुजर जायें हम।