प्रेम
ज्ञान पाने की मन को अभिलाषा है
प्रेम ही मनुष्य की सरल भाषा है
दुर होता इससे अँधेरा जीवन का
उचित ज्ञान ही प्रेम की परिभाषा है
प्रेम ही जीवन को देता उजाला है
बिन प्रेम हर अक्सर ही काला है
निर्मलता शालीनता अनेक है रूप
प्रेम ही सुखी जीवन की मधुशाला है
______अभिषेक शर्मा