Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2022 · 1 min read

प्रेम-२

कालिंदी, खेतों की पगडंडियों पर भरी दोपहरी नंगे पाँव तेज रफ्तार से चली जा रही थी।

दुधमुँहे बच्चे को, अपने सीने के पास, एक कपड़े से बाँधे और माथे पर उसके बापू के लिए खाना रखकर, बड़ी चपलता से इन टेढ़े मेढ़े रास्तों में , सधे अंदाज में अपने खेत की ओर बढ़ रही थी।

तभी दूर से, उसको अपना पति खेत में काम करता नजर आने लगा।
चाल में खुद-ब-खुद थोड़ी और गति आने लगी।

इन सब बातों से बेखबर,
राखाल, भुट्टे के खेत में, हसिया लिए फसल के पास उग आई गैर जरूरी झाड़ियों और घासों को हटाने में व्यस्त था।

पसीने से लथपथ उसका गठीला बदन सूरज की रोशनी में नहाकर चमक रहा था।

कालिंदी, अब एक पेड़ की छाँव के नीचे बैठ कर ,उसे कुछ पल के लिए निहारने लगी, फिर शरमा कर , अपने बच्चे की ओर देखने लगी, जो थोड़ा कुनमुनाया, फिर उसने भी आँखे खोल दी।

तभी राखाल, अपने शरीर की धूल मिट्टी साफ करके उनके पास आकर बैठ गया।

घर से लाये हुए मांड में मिले हुए चावल के निवाले उसके गले में बड़े चाव से उतर रहे थे।

कालिंदी, उसके पसीने से भीगे शरीर को गमछे से पोंछ रही थी।

पेड़ ने भी अब धीरे-धीरे हिलना शुरू कर दिया।

दोनों नि:शब्द एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे।

अभाव, गरीबी और बेबसी, कुछ क्षण के लिए ,इनको छोड़ने को मजबूर दिखे,
और फिर कोसते हुए चिलचिलाती धूप में कुछ दूर जाकर बैठ गए।।।

Language: Hindi
285 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Umesh Kumar Sharma
View all
You may also like:
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जय माँ ब्रह्मचारिणी
जय माँ ब्रह्मचारिणी
©️ दामिनी नारायण सिंह
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
Phool gufran
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
ଏହା ହେଉଛି ସମୟ
ଏହା ହେଉଛି ସମୟ
Otteri Selvakumar
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
Sanjay ' शून्य'
*संसार में रहो लेकिन संसार के होकर नहीं*
*संसार में रहो लेकिन संसार के होकर नहीं*
Ravi Prakash
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
Shwet Kumar Sinha
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
Madhuyanka Raj
प्रकृति का बलात्कार
प्रकृति का बलात्कार
Atul "Krishn"
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
हिंदुत्व - जीवन का आधार
हिंदुत्व - जीवन का आधार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
4162.💐 *पूर्णिका* 💐
4162.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
संस्कार
संस्कार
Rituraj shivem verma
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना  कोई मुश्किल या  बहा
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना कोई मुश्किल या बहा
पूर्वार्थ
" नीयत "
Dr. Kishan tandon kranti
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
2 जून की रोटी.......एक महत्व
2 जून की रोटी.......एक महत्व
Neeraj Agarwal
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
इंजी. संजय श्रीवास्तव
गीतिका
गीतिका
Rashmi Sanjay
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
Loading...