प्रेम-सुधा की प्यास लिए यह
प्रेम-सुधा की प्यास लिए यह
भाग रहा जीवन संकुल ।
धूप-छाँव, सुख-दुख में पलता
एक निराला यह अंशुल ।।
डा. सुनीता सिंह’सुधा’
वाराणसी
प्रेम-सुधा की प्यास लिए यह
भाग रहा जीवन संकुल ।
धूप-छाँव, सुख-दुख में पलता
एक निराला यह अंशुल ।।
डा. सुनीता सिंह’सुधा’
वाराणसी