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12 Dec 2024 · 1 min read

प्रेम-सुधा की प्यास लिए यह

प्रेम-सुधा की प्यास लिए यह
भाग रहा जीवन संकुल ।
धूप-छाँव, सुख-दुख में पलता
एक निराला यह अंशुल ।।

डा. सुनीता सिंह’सुधा’
वाराणसी

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