प्रेम विश्वास का पर्व ये होली
प्रेम विश्वास का पर्व ये होली
वैर द्वेष को आओ मारें गोली
न रहे मन में अब कोई गांठ बाकी
निस्वार्थ प्रेम दिलों में भर दें
आओ रंगों से ये जीवन रंग दें
मधुर संदेश देने आयी देखो
फ़िर से ये रंगीली होली
“मैं” को भूलो “हम” को जीयो
“मैं” कि मुक्ति से जीवन बने ये सुन्दर
जो “हम” में है ए मेरे अपनों
वो ना मुझमें है ना तुममें है
आओ प्रीत के रंग लगायें
मधुर संदेश देने आयी देखो
फ़िर से ये रंगीली होली
दिल के रिश्ते कभी न टूटें
मधुर जज़्बातों से बनें ये बंधन
कभी न टूटें कभी न रूठें
बन जायें इक दूजे के दिल की धड़कन
आओ खेलें ऐसी होली कि
इक दूजे बिन रहा न जाये
आओ प्रेम रस में सब डूब जायें
मधुर संदेश देने आयी देखो
फ़िर से ये रंगीली होली
खुशियों का त्योहार ये होली..रंगों का त्योहार ये होली
आओ उड़ायें प्रीत के रंग हमज़ोली
प्यार के रंगों से हम सब रंग जायें
आओ एक दूजे के सुख दुख बांटें
आँसू बांटे खुशियां बांटें..
कि ये जीवन बस एक उत्सव बन जाये
हर तरफ़ अपनी मुस्कान बिखरायें
आओ सद्भावना की होली खेलें
मधुर संदेश देने आयी देखो
फ़िर से ये रंगीली होली…..© अनुजा कौशिक