Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2021 · 1 min read

प्रेम रिश्ते का आधार

प्रेम अपरिमित असीमित अपरिभाषित
अनंत जिसका विस्तार है।
शब्दों से न तौल सके जिसको
अनंत संभावनाओं का आधार है।
नही बाँध सकते इसे किसी रिश्ते में
हर रिश्ते में जुड़ा यह
हर रिश्तों का ही सार है।
जीव जगत की कल्पना में प्रेम ही तो
एक शाश्वत सार है।
प्रेम की पराकाष्ठा उस माँ से पूछिए,
गर्भ में पड़ते भ्रूण ही
उमड़ उठता अनदेखा अनकहा प्यार है।
प्रेम की संभावना उस पिता से पूछिए
जो अपने संतान की सुख के लिए
बहाता पसीना दिन रात है।
प्रेम इस जगत में जीवन का ही सार है।
प्रेम की पराकाष्ठा उस भाई बहन से पूछिए,
लड़ने झगड़ने के बाद भी जिनका एक दूसरे के लिए परवाह फिक्र और ख्याल है।
प्रेम का विस्तार उस मित्र के साथ अनमोल है,
जो बिना किसी रिश्ते के भी दे रहे हर सुख दुख में साथ हैं।
आपकी खुशी में खुश और दुख में दुखी होने का जिंनके पास भी एहसास है।
प्रेम उस प्रेमी के लिए जिन्हें न कभी मिलन की आस है,
फिर भी दिल में अनोखा जुड़ाव है
प्रेम पति पत्नी का जगत का सम्पूर्ण सार है।
जहाँ तन मन दोनों ही समर्पण के बाद भी एक सुखद एहसास है।
हर रिश्ते में प्रेम ही है तो वह खास है,
बिना प्रेम के किसी रिश्ते की क्या बिसात है।

17 Likes · 52 Comments · 992 Views

You may also like these posts

बिंदियों की जगह
बिंदियों की जगह
Vivek Pandey
Embers Of Regret
Embers Of Regret
Vedha Singh
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
Ranjeet kumar patre
ग़म
ग़म
Harminder Kaur
झूठी है यह जिंदगी,
झूठी है यह जिंदगी,
sushil sarna
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहा ग़ज़ल
दोहा ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल _ हाले दिल भी खता नहीं होता ।
ग़ज़ल _ हाले दिल भी खता नहीं होता ।
Neelofar Khan
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
मन
मन
Shweta Soni
मंजिल
मंजिल
Swami Ganganiya
💐💞💐
💐💞💐
शेखर सिंह
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
*प्रणय*
हिन्दुत्व, एक सिंहावलोकन
हिन्दुत्व, एक सिंहावलोकन
मनोज कर्ण
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"औकात"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी कभी जिंदगी
कभी कभी जिंदगी
Mamta Rani
सवैया
सवैया
Rambali Mishra
The gushing in memories flash a movie in front of me,
The gushing in memories flash a movie in front of me,
Chaahat
श्रेष्ठ बंधन
श्रेष्ठ बंधन
Dr. Mulla Adam Ali
3609.💐 *पूर्णिका* 💐
3609.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़
Dr. Rajeev Jain
तुम रूबरू भी
तुम रूबरू भी
हिमांशु Kulshrestha
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
"फ़िर से तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
इस कदर मजबूर था वह आदमी ...
इस कदर मजबूर था वह आदमी ...
Sunil Suman
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
Seema Garg
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...