#प्रेम में पल-पल#
प्रेम में पल-पल
// दिनेश एल० “जैहिंद”
बार-बार तेरी याद आने का क्या राज़ है।
सुहानी बरसात के वो दिन मुझे याद हैं।।
यादकर क्षण काटना तेरे प्यार में,
पल-पल बिताना तेरे इन्तज़ार में,,
तू न आए तो मेरा रोते लौट जाना याद है….
घंटों भींगते रहना संग बरसात में,
मखमली हाथ डाले हाथों हाथ में,,
तेरा-मेरा कोसों दूर निकल जाना याद है….
भींगी मुलायम घासों पे तेरा चलना,
तू भागे और मेरा कसकर पकड़ना,,
के दामन छुड़ाके तेरा भाग जाना याद है…
कभी मदहोशी में तेरा गिर जाना,
झुक कर तेरे लब को मेरा चुमना,,
तुझे अपनी भुजाओं में भर लेना याद है…
कभी लंबे-लंबे पेड़ों की आड़ में,
कभी ढेर खुशबुओं की बहार में,,
कभी फूलों की झाड़ी में छुप जाना याद है..
कभी हँसाना तो कभी हमें रुलाना,
कभी रुलाना तो कभी हमें हँसाना,,
संग तेरे प्रेम में पल-पल बीत जाना याद है…
बार-बार तेरी याद आने का क्या राज़ है ।।
==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
जयथर, छपरा (बिहार)