“प्रेम -मिलन ‘
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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आओ तुम मिलो
गले मुझसे
यह दूरियाँ अब
सही नहीं जाए
साथ तेरा नहीं छूटे
कभी मेरा
मिलन जन्मों का
सदा हो जाए
बहुत तड़पे थे
तुम बिन
तुम्हारी याद
कर के
क्षणिक खुशियाँ
मिलती थीं
स्वप्नों में
बात कर के
अधूरे थे मिलन
भी अधूरा था
चलो अब दिलों
में बस जाए
साथ तेरा नहीं
छूटे कभी मेरा
मिलन जन्मों का
सदा हो जाए
दिलों की
धड़कनों की
बातें तुम
प्यार से सुनना
अपनी बात
तुम मुझको
सदा ही
प्यार से कहना
खुशी और गम
को अब बाटेंगे
अधूरा कुछ भी
ना रह पाए
साथ तेरा नहीं
छूटे कभी मेरा
मिलन जन्मों का
सदा हो जाए
सपने हमारे
सच हुये हैं
दूर हम न
कभी जाएंगे
है कसम
अपने प्रेम का
सात जनम
हम निभाएंगे
खुशी की लहर
सदा बिखरी रहे
हम यूँही हर कदम
चलते जाए
साथ तेरा नहीं
छूटे कभी मेरा
मिलन जन्मों का
सदा हो जाए !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
नाग पथ
दुमका
झारखंड
02.09.2023