प्रेम प्रीत प्यार सारे! (घनाक्षरी छंद)
मनहरण छंद– प्रेम प्रीत प्यार सारे।
प्रेम प्रीत प्यार सारे, अजीज से अल्फाज हैं।
इन्हीं में छुपे है यारो, गहरे अंदाज है।।
करो इनसे मित्रता ,रखो न कभी शत्रुता।
जीवन जीने के भी तो, यही सच्चे राज है।।
प्रेम बिना जग सूना, प्रीत बिना कैसा जीना।
प्यार से जीने वाले ही, बनते सरताज हैं।।
प्यार देना प्यार लेना, सबसे यही कहना।
प्रेमरस पी ले यारा,अभी और आज से।।
राजेश व्यास अनुनय