प्रेम प्रस्ताव
दिनांक :- 13/02/2021
दिवस :- शनिवार
शीर्षक :- प्रेम प्रस्ताव
जहाँ रखें प्रेम प्रस्ताव ,
वहीं बढ़ गया उसी का भाव ।
सच्चा प्रीत एक से उन्हें ,
पर उनसे है कईयों का लगाव ।
पता न कैसे बिगड़ गया हम रोशन का स्वभाव ।।
जो ऑनलाइन के माध्यम से ही प्रेम पत्र देकर
डालना चाहें प्रभाव ,
प्रेम की परिभाषा जानता हूँ ,
व्यर्थ है डालना किसी पर दबाव ।
प्रेम स्वतंत्र है न इसमें उच्च – नीच
नहीं इसमें हानि – लाभ ,
दिल दे बैठे , बदले में ना ही मिला जवाब ।।
अब से वही मेरे मन मंदिर वही सपना वही मेरी ख़्वाब ,
उनकी चाहत पूरी हो भले डूबे मेरी नाव ।
ग़म में जीने का एक अलग ही मज़ा है
फिर पाला हूँ एक नया घाव ,
गर्व है हमें कम से कम सुनी तो वह मेरी प्रेम प्रस्ताव ।।
माँगी भी तो चौबीस घंटे ही
ख़ास समझ गयी होती मेरी वह भाव ,
हर कुछ है पर उसकी ही है अभाव ।
हमें उनसे , उन्हें है किसी और से लगाव ,
एक हो जाएं वे दोनों ,
पर मेरे में होनी चाहिए बदलाव ।।
क्योंकि मैं अनजाने में रखें रहें प्रेम की प्रस्ताव ,
उनकी यादों में खुद बदलकर
बदल दूँ शहर और गाँव ।
मेरे हृदय में बसे ‘वे’
वे नहीं उनकी शक्ल सूरत हाथ और पाँव ,
तब मेरे प्यारे पाठकों कैसी लगी मेरी ये कविता
प्रेम की प्रस्ताव ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 19(05)