प्रेम पत्र
तुम तो बड़ी हो गई!
अब मेरा साथ देने से रही!
सुनो न!
मुझे वह गुड़िया दे दो
जिससे बचपन में
तुम खेला करती थी।
न! न!
तुम गलत समझी!
मैं उसे
अपने गुड्डे के साथ
रख दूंगा!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
तुम तो बड़ी हो गई!
अब मेरा साथ देने से रही!
सुनो न!
मुझे वह गुड़िया दे दो
जिससे बचपन में
तुम खेला करती थी।
न! न!
तुम गलत समझी!
मैं उसे
अपने गुड्डे के साथ
रख दूंगा!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)