प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
विरही -विरहन उर पीड़ा निस-दिन ही नव है।।
जीत कर भी हार जाते चित् अपना प्रेमी,
हार कर दिल मुस्कुराना प्रेमी उत्सव है।।
नीलम शर्मा ✍️
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
विरही -विरहन उर पीड़ा निस-दिन ही नव है।।
जीत कर भी हार जाते चित् अपना प्रेमी,
हार कर दिल मुस्कुराना प्रेमी उत्सव है।।
नीलम शर्मा ✍️