Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2016 · 1 min read

प्रेम – दोहावली

उमर थकाये क्या भला, मन जो रहे जवान.
बूढ़ी गंडक में उठे , यौवन का तूफ़ान .
मन का मेल ही मेल है, तन की दूजी बात.
जहाँ प्रीत की लौ जले, होत है वहीँ प्रभात.
मन के सोझा क्या भला, तन की है अवकात.
तन सेवक है उमर का, प्रीत का मन सरताज.
तन की चाहत वासना,मन की चाहत प्रीत.
प्रेम हरि का रूप है, प्रेम धरम और रीत.
तन में एक ही मन बसे, मन में एक ही मीत.
प्रीत नहीं बाजी कोई, नहीं हार – ना जीत.
जस पाथर डोरी घिसे, तस – तस पड़त निशान.
मापतपुरी का फलसफा, प्रेम ही है भगवान.
………… सतीश मापतपुरी

Language: Hindi
2 Comments · 516 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बाग़ी
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
Ranjeet kumar patre
“साजन”
“साजन”
DrLakshman Jha Parimal
4524.*पूर्णिका*
4524.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवनाचे वास्तव
जीवनाचे वास्तव
Otteri Selvakumar
सो
सो
*प्रणय*
अमीरी गरीबी
अमीरी गरीबी
Pakhi Jain
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
कवि रमेशराज
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सियासत
सियासत
हिमांशु Kulshrestha
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
" इंतकाम "
Dr. Kishan tandon kranti
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
Dr fauzia Naseem shad
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
Suryakant Dwivedi
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अनकहा रिश्ता (कविता)
अनकहा रिश्ता (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
मन मसोस
मन मसोस
विनोद सिल्ला
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
न मां पर लिखने की क्षमता है
न मां पर लिखने की क्षमता है
पूर्वार्थ
धर्म जब पैदा हुआ था
धर्म जब पैदा हुआ था
शेखर सिंह
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
Ashwini sharma
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Chaahat
टिप्पणी
टिप्पणी
Adha Deshwal
ज़िन्दगी मत रुला हम चले जाएंगे
ज़िन्दगी मत रुला हम चले जाएंगे
अंसार एटवी
पुनर्जागरण काल
पुनर्जागरण काल
Dr.Pratibha Prakash
वो मुझे पास लाना नही चाहता
वो मुझे पास लाना नही चाहता
कृष्णकांत गुर्जर
दिल का दर्द
दिल का दर्द
Dipak Kumar "Girja"
Loading...