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4 Jan 2024 · 1 min read

प्रेम दिवानों ❤️

प्रेम दिवानों ❤️
सुलझा जीवन उलझाना नहीं
प्रेमी तो आनी जानी है
पर मॉ नहीं दोवारा मिलनी है
ममता प्यार करुणा दया का भाव
अमर है मां का दूध कर्ज है तेरे पर
पूरा कर यहीं ऋणमुक्त हो जाना
इसे भूलकर भी नहीं भूलाना
टी.पी. तरुण

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Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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