प्रेम दिवस?
यह प्रेम दिवस नहीं,प्रेम विवश है!———-एक मात्र इजहार करने का बस है।———पशिचमी देशों का चलन है, और मन का पागन पन है। संस्कृति का हनन है।——–प्रेम दिवस नही ,प्रेम विवश है।———–+-क्यो कर रहा है? अभी तुम्हारी उम्र क्या है? जीवन को सुखमय बनाने के लिए,यतन क्या है?समझो तो समझलो, जीवन के सार को। नही तो नही समझ पायोगे प्रेम के इस इजहार को।