प्रेम दिवस (वेलनटाइन दिवस)
प्रेम दिवस पर कामना, रहती यह हरबार !
देगा अच्छा प्यार से, .प्रेमी फिर उपहार !!
हर रिश्ता इस दौर मे बना जहाँ व्यापार !
प्रेम दिवस का फिरवहाँ,रहा नही कुछ सार!!
भेजा था ईमेल से,….मैने उन्हे गुलाब!
आया क्योंअब तक नही,उनका सुर्खजवाब!!
वेलनटाइन का चढा,..ऐसा यार बुखार!
जिसको देखो ले रहा,मन चाहा उपहार!!
बाजारों मे बिक गये,..बेहिसाब उपहार!
इसे कहूँ मै प्यार अब, या समझूँ व्यापार!!
वेलनटाइन पर अगर,महबूबा हो साथ!
खीसे मे देना पडे,…बार बार फिर हाथ! !
बना दिया है प्यार को,लोगों ने व्यापार!
वेलनटाइन रह गया,बन कर इक बाजार! !
रमेश शर्मा.