प्रेम दिलों पर देकर दस्तक, देता खुशी अनंत
प्रेम दिलों पर देकर दस्तक, देता खुशी अनंत
खिलती देख बहारें लगता,, जैसे हुआ बसंत
भाव हृदय के करें कलम से, अपने दिल की बात
और डूबकर फिर स्याही में, सृजन करें रसवंत
श्याम राधिका मीरा जैसा, अगर रुहानी प्रेम
करो इबादत उसकी ऐसे, जैसे करें महंत
अगर अकेले हो दुनिया में, नहीं कटेगा वक़्त
मिला मीत सच्चा तो समझो, हुआ दुखो का अंत
अपने मन को साफ बनाकर, करें लोक कल्याण
नहीं जोगिया वस्त्र पहन बस,बने ‘अर्चना’ संत
23-02-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद