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24 Mar 2022 · 1 min read

प्रेम डगर पे चलने वाले

प्रेम डगर पे चलने वाले
डगर नही इतना सरल,
जो डूबे इस दरिया में,
किनारे इसके है विरल,
खुदी को भूल जाते है,
पीना पङता हर क्षण गरल,
संवेदना का है वो शिखर,
जहाँ हृदय बस हो जाता तरल,
शून्य की पराकाष्ठा है,
एक तत्त्व हो जाते सकल।
……………पूनम कुमारी

Language: Hindi
137 Views
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