Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2024 · 1 min read

प्रेम गजब है

“प्रेम पारस है जिसे छू ले उसे चन्दन कर दे,
प्रेम इबादत है , जिसे हो जाएं उसे खुदा कर दे,
प्रेम सफर है जिसे हो जाएं उसे मुसाफिर कर दे,
प्रेम तपस्या है जिसे हो जाएं उसे फकीर कर दे,
प्रेम गजब है जिसे हो जाएं उसे अजब कर दे।।”
: राकेश देवडे़ बिरसावादी

Language: Hindi
217 Views

You may also like these posts

नित करा मानुसेक हित,
नित करा मानुसेक हित,
ruby kumari
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
Kanchan Alok Malu
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
Dr Archana Gupta
ज़ुर्म-ए-मोहब्बत
ज़ुर्म-ए-मोहब्बत
Shikha Mishra
क्यों छोड़ गई मुख मोड़ गई
क्यों छोड़ गई मुख मोड़ गई
Baldev Chauhan
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
...
...
*प्रणय*
"जांबाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
भोग कामना - अंतहीन एषणा
भोग कामना - अंतहीन एषणा
Atul "Krishn"
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
Bidyadhar Mantry
मेरे प्यारे पहाड़
मेरे प्यारे पहाड़
Sakhi
वैर भाव  नहीं  रखिये कभी
वैर भाव नहीं रखिये कभी
Paras Nath Jha
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
कवि रमेशराज
कोई मेरा दिल तोड़े, मुझे मंजूर है....
कोई मेरा दिल तोड़े, मुझे मंजूर है....
Aditya Prakash
दिल के एहसास
दिल के एहसास
Dr fauzia Naseem shad
पितृपक्ष में पितरों का महत्व होता हैं।
पितृपक्ष में पितरों का महत्व होता हैं।
Neeraj Agarwal
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
Bhupendra Rawat
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विश्वास पर आघात
विश्वास पर आघात
ललकार भारद्वाज
बेटा बचाओं देश बचाओं
बेटा बचाओं देश बचाओं
Indu Singh
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
सब वर्ताव पर निर्भर है
सब वर्ताव पर निर्भर है
Mahender Singh
ढोंगी बाबा से सदा,
ढोंगी बाबा से सदा,
sushil sarna
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बिना दूरी तय किये हुए कही दूर आप नहीं पहुंच सकते
बिना दूरी तय किये हुए कही दूर आप नहीं पहुंच सकते
Adha Deshwal
वो दिन कभी ना आएगा
वो दिन कभी ना आएगा
प्रदीप कुमार गुप्ता
खुद से है दूरी  मीलो की...
खुद से है दूरी मीलो की...
Priya Maithil
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
पूर्वार्थ
विधा
विधा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...