प्रेम गंगा जहाँ बहे
प्रेम गंगा जहाँ बहे,
हिलमिल जग रहे।
सुंदर प्यारा ये देश
भारत महान है।
हिमालय शीर्ष पर,
करे रक्षा वर्ष भर।
प्रकृति रक्षित देश
धरा की ये शान है।
संस्कृति है अनमोल,
बहते हैं मीठे बोल।
पावन वसुधा यह
बनाती विधान है।
कहे ओम सब जग,
चलो मानवता पग।
भारत अपना देश
साहित्य की खान है।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम