– प्रेम क्या है ? –
– प्रेम क्या है ? –
निश्छल निर्मल निराकार है प्रेम,
असीम ,अविरल धारा है प्रेम,
दो दिलों का संगम है प्रेम,
आत्मा से आत्मा का मिलन है प्रेम,
दो दिलों का एक अहसास है प्रेम,
स्नेह से लेकर खुशी की और अग्रसर जो,
निजी जुड़ाव व मजबूत आकर्षण है प्रेम,
इस जगत का शाश्वत सत्य जो,
दया,भावना ,और स्नेह का प्रतीक,
दो इंसानों के बीच एक एहसास है प्रेम,
किसी के प्रति आसक्त होना है प्रेम,
मोह और भक्ति के बीच की अवस्था है प्रेम,
वर्तमान युग में युवा जो प्रेम को परिभाषित करते है,
वो प्रेम नही वासना है,
भरत के नजरिए से देखो प्रेम का यह पैमाना है ,
जिसे उसने अपने जीवन में माना है,
माता का पुत्र के प्रति प्रेम,
एक बहन का भाई के प्रति प्रेम,
एक पिता का पुत्री के प्रति प्रेम,
भाई का भाई के प्रति प्रेम,
वो ही तो है प्रेम,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-